उज्जैन। सत्कार्यो का सम्मान, परिश्रम को पुरस्कार तथा परिष्कार के लिए प्रशिक्षण आवश्यक होता है। सम्मान पाकर अभिमान नहीं, पुरस्कार पाकर विराम नहीं, प्रशिक्षण के बाद प्रैक्टिस होनी चाहिए। यह उद्गार महेश आचार्य उपजोन समन्वयक ने गायत्री शक्तिपीठ पर कहे। प्रथम सत्र में मातृशक्ति अखंडदीप श्रद्धा संवर्धन उप यात्रा के कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। दूसरे सत्र में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2023 का जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण हुआ। तृतीय सत्र में जिले के युवा कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षण कार्यशाला हुई। सम्मान समारोह में जिले की सातों तहसीलों के 75 कार्यकर्ताओं को स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के पुरस्कार के अंतर्गत कक्षा पांचवी से 12वीं तक के 24 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। तृतीय सत्र में युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला हुई, प्रमुख वक्ता डॉ. नीति टंडन थी। प्रश्नोत्तरी कार्यशाला में राम प्रसाद सरिया, बलराम पटवारी, महेश बडिया, श्याम पाटीदार, मुकेश पाटीदार, पद्मा गोथरवाल ने भी विचार व्यक्त किए। आभार देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने माना।

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