उज्जैन। आचार्य अद्वैत योगभूषण योगी की पूरे भारत में 13 हजार किमी की पवित्र यात्रा में ओम के शाश्वत ज्ञान के साथ समुदायों को जोड़ने का लक्ष्य है। योगी आचार्य अद्वैत का जन्म एक पूर्व सेना अधिकारी के घर पर हुआ था। बचपन में आचार्य जी को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। अद्वैत यात्रा 3 सितंबर को ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर से शुरू हुई।यह यात्रा मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर से शुरू होकर बारह ज्योतिर्लिंगों तक जाएगी। उनकी यात्रा आध्यात्मिक यात्रा है। योगी अद्वैतजी अपनी तीर्थयात्रा पर पूरे भारत में घूमते हुए मंदिरों, स्कूलों और गांवों का दौरा कर रहे हैं। उन्हें बच्चों को पढ़ाने, स्कूलों में जाकर उन्हें योग की शक्ति, माइंड फुलनेस और प्रकृति से जुड़ाव से परिचित कराने का विशेष शौक है। वह क्षमा, निर्भयता के महत्व और जीवन की घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए नकारात्मक ऊर्जा को छोड़ने की आवश्यकता के बारे में बात करते हैं।