उज्जैन। उज्जैनी विद्वत परिषद के अध्यक्ष डॉ मोहन गुप्त ने कहा है कि 31 अक्टोबर को दीपावली मनाना धर्मशात्रों की अनदेखी करना है। 1 नवंबर को सूर्योदय एवं सूर्यास्त दोनों के समय अमावस्या है, अतः उसी दिन दीपावली मनाई जानी चाहिए।अवन्तिका तथा विक्रमादित्य पंचाग के पंचागकार मदन व्यास, विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं संस्कृत विद्वान् बालकृष्ण शर्मा, शुभम् शर्मा, अभिषेक गौतम, रूपेश मिश्र, केऐन जोशी, केऐन शुक्ल आदि का मत है कि 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाना ही शास्त्र सम्मत है। विद्वानों का कहना है कि इस वर्ष सूक्ष्म दृश्य गणितानुसार 31 अक्टूबर को दिन में 3 बजकर 52 मिनिट से कार्तिक अमावस्या तिथि शुरु होगी। 1 नवम्बर को सूर्यास्त बाद 6 बजकर 17 मिनिट तक रहेगी।