उज्जैन। फरियाद करना मतलब किसी से मिन्नत करना। किसी से गुहार क्यों लगाओ। प्रकृति ने हमें स्वस्थ शरीर दिया, ना दुख में घबराना चाहिए ना सुख में हर्षित होना चाहिए। जो अपना कार्य है वह निडरता से करते रहना चाहिए। यह बात तपोभूमि पर मुनि प्रमाण सागर ने कही। उन्होंने चार बातों पर प्रवचन दिए। जब तक शिकायती भाव रहेगा मन दुखी बना रहेगा। आज जिस भी मुकाम पर आप लोग हो उसमें हमें अपने मां-बाप को धन्यवाद देना चाहिए और शिकायत नहीं करनी चाहिए। मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल ने बताया कि मुनि ससंघ की 19 जनवरी को सुबह 8:30 बजे सिंधी कॉलोनी चौराहे से अगवानी हुई।