उज्जैन। मैं उज्जैन आई तो मुझे अंकितग्रामआने का मौका मिला। यहां दिव्यांग, बच्चे, युवा एवं बुजूर्ग के साथ भिक्षावृत्ति से मुक्त होने वाले सभी प्रकार के लोगो की देखभाल की व्यवस्था है। मैं यह सेवा प्रकल्प देखने के लिए आई। हम इस सेवा तीर्थ से क्या सीख सकते है यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। उक्त विचार सोनाली पोक्षे बायंगणकर, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भोपाल ने व्यक्त किए। आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि प्रमुख सचिव सोनाली ने आश्रम में निवासरत बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की। इस अवसर पर जयति सिंह, सतीश कुमार सौलंकी एवं अनिल शर्मा उपस्थित थे। कांता भाभी, मोनिका दीदी एवं गोरी दीदी के नेतृत्व में विशेष बालिकाओं ने योग का प्रदर्शन किया। उन्हें तिलक, मालवी पगड़ी एवं दुपट्टा औढ़ाकर व बच्चों के हस्तशिल्प भेंट कर सम्मानित किया गया।