उज्जैन। गृहस्थाश्रम को ही गृहस्थ आश्रम कहा जाता है। गृहस्थ धर्म धन्य है। इसी गृहस्थ में से इंजीनियर, डॉक्टर, साधू-संत निकलते हैं। लेकिन आज परिवार में जीवन नीरस है। आज हमारे बच्चे माता-पिता की बात नहीं मानते। कभी एक मां ने छोटी सी गलती की थी और उसका बेटा चक्रव्यूह में फंस के मारा गया था, आज भी हमारी माताएं वही गलती कर रही है। यह बात विद्यापति कॉलोनी में आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं भागवत प्रज्ञा पुराण कथा में सूरत सिंह अमृतेजी ने कही। उर्मिला तोमर ने बताया कि 7 जनवरी को देव पूजन में सैकड़ों दंपतियों ने भाग लिया। शांति कुंज की टोली एवं महेश आचार्य, जेपी यादव ने दीपिका सोलंकी एवं बबीता पाराशर का अभिनंदन किया। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विशेष देव आवाहन पूजन किया। कन्या कौशल शिविर, युवा सम्मेलन के साथ युवा दंपति शिविर में कथा व्यास सूरत सिंह अमृतेजी ने कहा कि आज सब कुछ होते हुए माता-पिता बड़े दुखी हैं।