उज्जैन। शासन के निर्देशों पर विक्रम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान व कृषि विज्ञान एवं सांख्यिकी अध्ययनशाला ने मिलकर परिसंवाद किया। विशिष्ट अतिथि वक्ता प्रो. डॉ. पवन कुमार सिंह रहे। प्रो. सिंह ने अर्जुन, कृष्ण और दुर्योधन संवाद के महत्वपूर्ण प्रसंगों पर चर्चा की। उन्होंने प्रभावशाली उद्धरणों के माध्यम से कृष्ण तत्व को जीवन में आत्मसात करने का संदेश दिया। प्रो. सिंह ने तुलसी के दोहे का उदाहरण देते हुए नई प्रबंध पीढ़ी से कृष्ण के सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करने को कहा। उन्होंने कहा कि कई विदेशी विश्वविद्यालय आज इस अमृत ग्रंथ व साहित्य का अध्ययन कर रहे हैं। गीता के प्रत्येक अध्याय की सार्थक व्याख्या उन्होने की। कहा-यह संसार की सभी समस्याओं का समाधान है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. अर्पण भारद्वाज मौजूद थे। युवा फिटनेस मेंटर के धवल रावल ने ढाई दशकों के उद्योग अनुभवों से गीता के कर्म आधारित दृष्टिकोण को साझा किया।

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