उज्जैन। ग़ज़लांजलि की काव्य गोष्ठी डॉ. श्रीकृष्ण जोशी की अध्यक्षता में हुई। रामदास समर्थ ने संगीत के सातों स्वरों के आधार पर रची रचना का पाठ किया। विजयसिंह गहलोत साकित ने हम अपनी ज़िन्दगी के सताये हुए तो हैं… ग़ज़ल पढ़ी। दिलीप जैन, सत्यनारायण सत्येंद्र, अशोक रक्ताले, प्रफुल्ल शुक्ला, डॉ. विजय सुखवानी आदि ने रचनाए पढ़ी।