उज्जैन। देश में सामाजिक समरसता और जात-पात, हिंदू राष्ट्र को लेकर सभी चिंतित हैं। देश का 80 करोड हिंदू बागेश्वर धाम की ओर निगाहें लगाए हुए हैं। देश में कई यात्राएं हुई जो अपने मार्ग से भटक गई। ऐसी ही यात्रा धीरेन्द्र शास्त्री की भी निकली हैं। कहीं ऐसा ना हो कि शास्त्रीजी द्वारा ने जो मुद्दे देश के सामने रखे हैं वे विलुप्त हो जाए। यदि ऐसा होगा तो देश हिन्दू राष्ट्र कैसे बनेगा? अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने पत्र भेजकर कहा हैं कि हिंदू जनप्रतिनिधि, हिंदू कथावाचक, हिंदू साधु बार बार जात-पात हटाकर हिंदुओं को एक करने की बात करते हैं। यही राग शास्त्रीजी का भी है। जमीनी हकीकत पर काम करना आवश्यक है। कुल देवी देवताओं की पूजन बंद कर उन्हें विसर्जन करना होगा। क्या हिंदू समाज इसके लिए तैयार हैं? हिंदू राष्ट्र के लिए क्या योजना हैं, सनातन धर्म के लोगो को बताने की कृपा करें।