उज्जैन। नगर निगम यूटीसील के माध्यम से 39 सीएनजी एवं 50 डीजल बसें वर्कशाप के कबाड़खाने में पड़ी हुई है। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी के अध्यक्ष स्वयं महापौर है, ने इस संबंध कोई भी कार्रवाई नहीं की है। कंपनी की बैठक में बसो के लाभ और हानि के संबंध में चर्चा की जाना चाहिए। इस संबंध में कई शिकायतें हुई है। जो बसो का ठेका दिया गया है वह मात्र 80 रूपए प्रतिदिन है जबकि अन्य ठेकेदारों द्वारा 400 रूपये की राशि के टेंडर डाले गए थे। इस कारण निगम और उसकी कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। आरटीओ, परिवहन विभाग ग्वालियर में ऐसे अनेक पत्र परमिट प्राप्त करने के लिए लिखे गए जो कि विभागीय अधिकारियों ने लिखा जाना थे। विभागीय अधिकारियों ने संबंधित थाने में जालसाजी पूर्वक लिखे गए पत्रों के संबंध में ठेकेदार के विरुद्ध अपराधी प्रकरण दर्ज करने का आग्रह किया है। नेता प्रति पक्ष रवि राय ने कहा कि बसे बिना इंश्योरेंस के लगभग डेढ़ वर्षो तक उज्जैन-ओंकारेश्वर एवं शहर के अन्य मार्ग पर चल रही थी। जानबूझकर पैसा बचाने और आम यात्रियों की मौत का सौदा करने जैसे गलतियां है जो कि किसी भी स्थिति में क्षमा योग नहीं है।