उज्जैन। समय अनमोल है।समय का सदुपयोग करना। अवधेश वर्मा नीर की समय के महत्त्व को बताती रचना से ग़ज़लांजलि की काव्य-गोष्ठी शुरु हुई। डॉ. श्रीकृष्ण जोशी की अध्यक्षता में अशोक रक्ताले ने शीत के आगमन पर कुंडलिया पढ़ी। सत्यनारायण सत्येंद्र, डॉ. सुदीप मिश्रा, विनोद काबरा, प्रफुल्ल शुक्ला सरकार, आशीष अश्क, आरिफ़ अफ़ज़ल आदि ने रचनाएं पढ़ी। गोष्ठी पर एक रिपोर्ट डॉ. हरिमोहन बुधौलिया ने प्रस्तुत की। आभार दिलीप जैन ने माना।