उज्जैन। विक्रम विश्वविद्याल की कार्यपरिषद् की बैठक हुई। अध्यक्षता कुलपति प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, रूपचंद पमनानी, वरुण गुप्ता, मंजूषा मिमरोट, कुसुमलता निंगवाल, डॉ. उमा शर्मा, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. हर्षा क्षीरसागर, अतिरिक्त संचालक डॉ. एच.एल. अनिजवाल, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा पवन चौहान एवं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा उपस्थित थे।
बैठक में सदस्यों द्वारा जो निर्णय लिए गए। उनके निर्णय विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगें। स्नातक स्तर के नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में प्रवेश को बढ़ाने को लेकर योजना तैयार की गई। छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण, स्वच्छता विशेषकर कन्या छात्रावासों, जिसमें महिला चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की सुनिश्चिता करने का निर्णय लिया गया। शिक्षण, प्रशिक्षण के लिए आधुनिक संसाधनों को जुटाया जाएगा। सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग करेंगे। निर्मल निर्माण इकाई भी स्थापित होगी। जिसमें शहर के विभिन्न मंदिरो से निर्माल्य प्राप्त कर उत्पादन किया जाएगा। काउंसलिंग, प्रवेश के लिए हेल्पलाईन नंबर व पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले शोद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को दुगना करने का निर्णय लिया गया। सभी प्रकल्पों के लिए कार्यपरिषद ने वित्तीय स्वीकृति भी दी। यह भी निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय में अतिथिगणों का स्वागत पुष्पमाला के स्थान पर पौधो से होगा। बैठक में लिए गए निर्णयों की कार्यपरिषद के सदस्यों एवं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रति सप्ताह समीक्षा की जाएगी। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने आभार माना।