उज्जैन। राष्ट्रीय बदलाव दिवस पर सामुदायिक विकास के 17 सतत विकास लक्ष्यों और 169 लक्ष्यों आधारित संयुक्त राष्ट्र 2030 के एजेंडा को लेकर मानसिक स्वास्थ्य-प्रबंधन पर व्याख्यान हुआ। बढ़ती आर्थिक और सामाजिक स्वास्थ्य असमानताओं, शहरीकरण, जलवायु-पर्यावरण के खतरे, संक्रामक रोगों का बोझ, गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य जैसी उभरती चुनौतियों को चिह्नित किया गया। किशोरों और युवा वयस्कों में मृत्यु के कई मुख्य कारणों का पर्यावरण से गहरा संबंध है। युवा लोगों को विकासात्मक शरीर विज्ञान और अपंरिपक्व प्रणालियों के कारण पर्यावरणीय खतरों और प्रदूषण का अधिक खतरा होता है। उक्त रोचक तथ्य अतिथि वक्ता डॉ. धर्मिष्ठा शर्मा ने अपने विशिष्ट व्याख्यान में दिए। आईक्यूएसी समंवयक डॉ. नयनतारा डामोर ने बताया कि अंत में प्रश्नोत्तर सत्र में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने अतिथि वक्ता डॉ. शर्मा का परिचय दिया व व्याख्यान की जानकारी दी।

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