राष्ट्रसंत विरागसागर के असमय समाधि से जैन समाज में शोक
उज्जैन। आचार्य गुरुवर विद्यासागरजी महाराज, आचार्य भूतबलि सागर के बाद जैन समाज के एक और सूर्य बुंदेल खंड के प्रथम आचार्य विराग सागर का असमय समाधि मरण होना केवल जैन समाज ही नही संपूर्ण मानव समाज के लिए घोर आघात व बड़ी क्षति है। जैन समाज के वरिष्ठ अनिल गंगवाल ने कहा कि यह जैन समाज के लिए एक और अपूरणीय क्षति है। आचार्य विराग सागर का समाधी मरण 4 जुलाई को सुबह 3 बजे के आसपास हुआ। गुरुदेव के निधन से उज्जैन के जैन समाज में शोक व्याप्त है। गंगवाल ने बताया कि आचार्य विराग सागर का पट्टाचार्य पद विशुध्द सागर को प्राप्त हुआ है। कुछ समय पूर्व पथरिया में दोनों गुरु भगवंतों के एक साथ पाद प्रक्षालन का अवसर परिवार को प्राप्त हुवा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *