उज्जैन। कविता आनंद की अनुभूति के साथ समाज को जगाती है। उक्त विचार डा गोविंद गंधे ने कवि दिलीप जोशी के काव्य संग्रह क्षितिज के विमोचन पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए । राम मंदिर नीलगंगा सभागृह में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि दिनेश दिग्गज ने की। उन्होने कहा कि दिलीप जोशी का क्षितिज काव्य संग्रह हिन्दी साहित्य की अनुपम धरोहर होगा। अतिथि समीक्षक डा रमेशचंद्र चांगेसिया थे। विशिष्ट अतिथि चित्रकार डा श्रीकृष्ण जोशी, संतोष सुपेकर, डा चंद्रेश आरेकर ने विचार रखे। काव्य संग्रह क्षितिज के रचियता कवि दिलीप जोशी ने चुनिंदा कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम संयोजक सुगनचंद जैन ने स्वागत भाषण दिया। मंच द्वारा कवि दिलीप जोशी का सारस्वत अभिनंदन किया।अभिनंदन पत्र का वाचन एवं संचालन अनिल पांचाल ने किया । आभार कु. सृष्टि जोशी ने माना ।