उज्जैन। देश में सनातन धर्म की व्यवस्था को चलाने एवं स्थापित करने में आद्य शंकरचार्यजी की भुमिका रही थी। शंकरचार्य ने सनातन धर्म भारत में स्थापित रहें इसलिए चार पीठों और सात अखाड़ों की स्थापना की। अखाड़ा परिषद बनाकर सनातन धर्म पर अपना अधिकार स्थापित कर चारो शंकराचार्य को दरकिनार किया गया। विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय धर्माचार्य की बैठक वाराणसी में 20 और 21 अक्टूबर को अशोक तिवारी, चंपत राय के नेतृत्व में होने जा रही हैं। महाकाल सेना के राष्ट्रीय प्रमुख महेश पुजारी ने पत्र भेजकर कहा कि सनातन धर्म पर शंकराचार्य या अखाड़ा परिषद या अन्य धर्माचार्यों का अधिकार है। स्पष्ट करें। अखाड़ा परिषद के माध्यम से महामंडलेश्वर बनाए जाते हैं। यह कानून सरकार ने बनाया या निजी रूप से बना हैं। एक अखाड़े के द्वारा कितने महामंडलेश्वर बनाए जाएं।श्री पुजारी ने पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि आरएसएस में जो पूर्ण कालिक सेवा देने वाले कार्यकर्ता होते हैं, जो ब्रह्मचारी होते हैं, तो संतो में क्यों नही? एक भगवाधारी साधु ने शिव के मस्तक पर पैर रखकर पूजा करवाई हैं इस पर अखाड़ा परिषद एवं विश्व हिंदू परिषद इस कथा कथित संत का बहिष्कृत करेगी या नहीं?  
साधु संत मंदिरों की परंपरा तोड़ते हैं, उसे मानते नहीं हैं। साधु, संत व साध्वियां दीक्षा लेने के बाद स्वयं को भगवान से बड़ा मानते हैं। महाकाल सेना प्रमुख ने आशा व्यक्त की है कि विश्व हिंदू परिषद व आरएसएस अवश्य इन सुझावों पर अमल करेगी।

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