उज्जैन। आचार्य विद्या सागर एवं नवाचार्य समय सागर के जन्मोत्सव को पूरे भारत में जैन समाज में मनाया जा रहा। आचार्य विद्यासागर ने समाधिपूर्वक देह परिवर्तन किया। चतुर्मास परिसर फ्रीगंज में 7 दिवसीय गुरु महोत्सव मनाया जा रहा हैं।आर्यिका दुर्लभमती माताजी ससंघ मौजूद हैं। 16 अक्टूबर को बत्तीसी विधान किया गया। श्रावक श्राविकाएं विधान में इंद्र इंद्राणी बन कर पूजन में बैठे। 17 अक्टूबर शरद पूर्णिमा को गुरु भक्तों द्वारा 108 अर्घचढ़ाए जाएगे। आर्यिका अंतरमती माताजी द्वारा रचित ढलता सूरज चमकता सितारा नाटक का मंचन होगा। श्री विद्या कुंभ चतुर्मास समिति ने बताया कि पिछले 7 दिनों से गुरु महोत्सव मनाया जा रहा हैं।

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