उज्जैन। करीब 25 साल बाद सोयाबीन की सरकारी खरीद होगी। सोयाबीन उत्पादक किसानों के आंदोलन को बढ़ता देख मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार ने 10 सितंबर को 4892 रु. प्रति क्विं. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी कराने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा। इसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी। खरीदी हुई सोयाबीन के गोदाम मालिको की चिंता बढ़ गई हे। गोदाम मालिकों ने आला अधिकारियों को ज्ञापन दिया है। जिला निजी वेयर हाउस ऑनर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डीपी भाईजी ने बताया कि सालो बाद सोयाबीन की सरकारी खरीदी के फैसले का हम स्वागत करते है। एसोसिएशनने कहा कि वर्तमान समय में कृषकों के द्वारा गेंहु हार्वेस्टर से काटकर लाया जाता है। नमी की मात्रा स्वीकृत उच्चतम स्तर से अधिक होती है। उक्त गेंहु गोदामो में जमा होने के बाद ज्यादा गर्मी के बाद 2 से 3 प्रतिशत सुख जाता है। शासन के द्वारा बनाए नियम के अनुसार गोदाम मालिको को 1 जुलाई से ही निर्धारित डेढ प्रतिशत गेन देने के लिये बाध्य किया जाता रहा है। भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम निजी वेयर हाउस मालिकों के देयको से कतोत्रा किया जा रहा है। शासन की मानक संचालन प्रकिया कठीन है। उसका सरलीकरण किया जाए। एसोसिएशन ने मांग की है कि नियमों में परिवर्तन किया जाए। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष डीपी भाईजी, उपाध्यक्ष पंकज जैन, जिला संयोजक गुड्डू नागौरी, सचिव भीमसिंह पंवार, कोषाध्यक्ष बद्रीलाल आचार्य और तहसील संयोजक राधेश्याम गेहलोत, अखिलेश धबाई, नारायण पाटीदार, जेनुअल आदि उपस्थित थे।