उज्जैन। आजादी के बाद आरक्षण एवं अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट के बावजूद हिंदू समाज में सहिष्णुता एवं सहयोग की भावना थी। जब से पदोन्नति में आरक्षण के नियम बने तब से सरकारी सिस्टम में भी भेदभाव शुरू हो गया। नए संशोधन के बाद यह खाई बढ़ती गई। हिंदू समाज में यह असमानता ठीक नहीं है।
उक्त बात सपाक्स क्रांति दिवस कार्यक्रम पर अनिल चंदेल ने कही। अध्यक्षता डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने की। उन्होने कहा हर कोई वोट के लिए एससी एसटी ओबीसी की रट लगाए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान निर्णय गरीब जनता के हक में है। आज आरक्षित वर्ग के जो लोग लाभ उठा रहे हैं वे सिस्टम में परिवर्तन नहीं चाहते हैं। आरक्षित वर्ग के ही 90 प्रतिशत लोग जिन्हें अभी तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है, वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अब अजा, अजजा वर्ग में भी क्रीमी लेयर निर्धारित किया की जाए। जिला प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी जेआर माहुरकर ने बताया कि समापन के अतिथि सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष दिवाकर नातू थे। पूर्व आईएएस डॉ. वीणा घाणेकर मौजूद थी। सपाक्स प्रदेश अध्यक्ष सुरेश शुक्ला, प्रदेश संयोजक जीके माथुर, देवीलाल कोरी, कमलेश उइके आदि ने भी अपने विचार रखे।