उज्जैन। कलयुग में संगठन सबसे बड़ी शक्ति है। हमारा गायत्री परिवार जीवंत, जागृत और आध्यात्मनिष्ठ परिजनों का संगठन है। इसका प्रत्येक परिजन नियमित साधना, उपासना और आराधना करता है। यह बात सनावद से आएरे डॉ. सोहन गुर्जर ने गायत्री शक्तिपीठ पर कही। जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में छिंदवाड़ा से आए प्रशिक्षक अरुण पराड़कर नेकहा किसी भी संगठन के लिए कार्यक्रम, कार्यकर्ता और कार्यालय आवश्यक है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण में तहसील व जिला समंवय समिति के दायित्व, मंडल गठन की प्रक्रिया, अर्थानुशासन, युग धर्म समय दान, समूह चर्चा आदि जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
जिला स्तरीय संगठनात्मक कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण का निष्कर्ष बिंदुवार रहा।

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