उज्जैन। श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण में आज से कठिन नियम शुरु होंगे। मंदिरों में रोज भक्तामर पाठ, स्नात्र पूजन, प्रवचन एवं सामूहिक प्रतिक्रमण सहित अन्य धार्मिक क्रियाएं होगी। पर्युषण पर श्वेतांबर जैन मंदिरों में धार्मिक आयोजन एवं कल्पसूत्र, बारसा सूत्र का वाचन होगा। साध्वी अमितगुणा श्रीजी के सान्निध्य में पर्युषण मनाया जाएगा। पर्यूषण अवधि में अधिकांश जैन धर्मावलंबी गर्म जल के तीन से लेकर आठ उपवास, आयंबिल आदि तप करेंगे। बैगर तप वाले हरी सब्जियों का पूर्णत: त्याग रखेंगे। पर्यूषण में रात्रि भोजन नहीं करेंगे। रोज प्रतिक्रमण, पौषध क्रिया (साधु जीवन) एवं अन्य कठोर नियमों का पालन होगा।