उज्जैन। सच्चा भक्त ही भगवान बनता हैं। जिनेंद्र भगवान की भक्ति ही संयक दर्शन में कारण हैं और अरिहंत भगवान की भक्ति करते करते हम अपने निज आत्म तत्व से मुलाकात कर सकते हैं। जिनेंद्र की आराधना करते करते समंतभद्राचार्य, मांगतुंग आचार्य, धनंजय सेठ, मैना सुंदरी, सीता सती आदि कई पुराण पुरुषों एवं सतियो ने अपना जन्म सफल कर लिया। यह बात दुर्लभ मती माताजी ने कुंदकुंद आचार्य रचित अष्टपाहुड ग्रंथ के रहस्यों पर कही। उन्होने बताया कि एक भक्ति भेद रूप होती हैं, जिसमें श्रावक श्राविकाएं विधान आदि अनुष्ठान करते हैं,। मुनिराज ध्यान व अध्ययन रूपी भक्ति करते हैं। सीता सती ने आचार्य देशभूषण कुलभूषण की भक्ति करके अपना स्त्रि-लिंग छेदने की भुमिका बना ली। हम सबको भी ऐसी ही करते हुए लीन होना चाहिए। श्री विद्या कुंभ चतुर्मास समिति ने बताया पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर फ्रीगंज में अर्हत चक्र मंडल विधान पिछले 8 दिन से करवाया जा रहा है जिसका समापन 31 अगस्त को सुबह 7 बजे होगा। 30 अगस्त को शहर के सभी दिगंबर जिनालयो नयापुरा, लक्ष्मीनगर, नमक मंडी, इंद्रा नगर, ऋषि नगर, फ्रीगंज, जैन बोर्डिंग, कल्याणमल आदि सभी में बड़ी संख्या में जैन समाज ने विधान की पूजा की? सांस्कृतिक कार्यक्रमो में भक्ति गायिका कु अहिंसा जैन ने की।

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