उज्जैन। जिनके अंदर एकत्व और अंयत्व भावना दिन रात चलती रहती हैं, वह साधक जल्दी केवलज्ञान को प्राप्त कर लेता हैं।यह जीव अकेला आया हैं, अकेला ही जाएगा। लेकिन हम प्राणी क्या करते हैं पर को अपना मानते हैं और परेशान हो जाते हैं।, जो पर में शान जमाता है वह परेशान हो जाता हैं। यह बात पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर फ्रीगंज में आर्यिका दुर्लभ मती माताजी ने कही। विद्या कुंभ चतुर्मास समिति ने बताया गया कि पिछले 8 दिन से चल रहे अर्हत चक्र मंडल विधान का समापन 1 सितम्बर को होगा।1 सितंबर को सुबह 7 बजे श्रीजी का अभिषेक, शांति धारा, नित्य नियम पूजन केबाद विश्व शांति महायज्ञ होगा। 9 बजे आर्यिका माता के प्रवचन,10 बजे चल सामारोह, 11 बजे जैन समाज का स्वामी वात्सल्य होगा।