उज्जैन। अभा कालिदास समारोह गरिमामय रूप से करने के लिए अकादमी में शहर के प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों, कलाकारों तथा समाजसेवियों से चर्चा की गई। अकादमी के निदेशक डॉ.गोविन्द गंधे ने बताया कि शहर के लोग पद्मश्री डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित, पद्मश्री ओमप्रकाश शर्मा, पूर्व कुलपति डॉ.बालकृष्ण शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीपाद जोशी, सतीश दवे, कृष्णा वर्मा, श्रीधर व्यास, आनzंदनंदशंकर व्यास ने अपने अनुभव तथा सुझाव दिए। जिसमें समारोह को नाट्यशास्त्र से जोड़ा जाना चाहिए, ऐसे विद्वानों को आमन्त्रित किया जाए जिन्होंने आजीवन कालिदास का अध्ययन किया हो, नाट्य प्रस्तुतियां के समय तकनीकी समस्याओं को पहले ही हल कर लिया जाए, हस्तशिल्प मेले के कारण समारोह की गतिविधियाँ प्रभावित हो रही है तथा श्रोता व दर्शक जुड़ ही नहीं रहे हैं इसलिए मेले तथा समारोह की तिथिया अलग हो। प्रत्येक दिन की शुरुआत मंगलवाद्यों के वादन से हो। कालिदास पर केंद्रित लोक कलाओं को भी गायन, वादन, नृत्य, नाटक आदि विधा में अवसर दिए जाए। कालिदास साहित्य में प्रदेश के वर्णित स्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए।

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