श्रीराम-सीता के चरणों में मौजूद 48 चिन्हों का अनूठा पट्ट अयोध्या रामलला मंदिर के संग्रहालय में रखा जाएगा
उज्जैन। बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि श्रीराम और सीता के दाहिने और बाएं चरण में 24-24 चिह्न थे। शास्त्रों के मुताबिक सबसे पहले जटायु ने इन्हे देखा था। कुल 48 चिह्नो की आकृति और महिमा का विस्तृत विवरण महारामायण में है। इन्हीं को कलाकार ललित सोनी उन्हेल ने 4.25 बाय 3.25 के पट्ट पर प्रभात मित्र मंडल के अध्यक्ष प्रो. बालकृष्ण कुमावत और वरिष्ठ सदस्य गणपतलाल अग्रवाल के मार्गदर्शन में उकेरा है। अब यह देश का पहला और अपने आप में पूरे विश्व में अनुठा श्रीराम जानकी के चरणों में मौजूद 48 शुभ चिह्नों का पट्ट अयोध्या में श्रीराम मंदिर परिसर में संग्रहालय में रखा जाएगा।
प्रो. कुमावत ने बताया कि उक्त अनूठा पट्ट मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अयोध्या जाकर भेंट किया। उज्जैन से 30 सदस्यों के दल की मौजूदगी में यह पट्ट भेंट किया गया। राय ने इस पट्ट को अद्भुत और अनुपम उपहार माना और कहा कि संग्रहालय में आने वालों को राम जानकी के चरणों में मौजूद 48 चिह्नो के दर्शन होंगे। संग्रहालय के लिए प्रो. कुमावत द्वारा लिखा आतंक निर्मूलन राम राज्ये ग्रंथ भी भेंट किया।

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