उज्जैन। उज्जैन स्मार्ट सिटी की गतिविधियों में ललित कला, अभियांत्रिकी, प्रबंध, पर्यावरण, वाणिज्य, वेदविद्या, संस्कृत संकायो के शोधार्थियों की गतिविधियों को सक्रिय करने की आवश्यकता है। यह बात महाराष्ट्र के राजीव मिश्रा ने कही। मिश्रा जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के निदेशक भी है। विक्रम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो डॉ धर्मेंद्र मेहता के आग्रह पर यहां आए। प्रो मेहता ने उन्हें वाकणकर अध्ययनशाला, प्राच्य शोध संस्थान एवं विभिन्न प्रचलित पारंपरिक एवं नवोनमेषी पाठ्यक्रमों के बारे में बताया। इस अवसर पर दोनो संस्थाओं के मध्य एमओयू के बारे में संभावनाओं एवं स्मार्ट सिटी के विशेष परिप्रेक्ष्य से विचार विमर्श किया गया। कुलानुशासक एवं हिंदी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा ने इस प्रासंगिक प्रयास की सराहना करते हुए बहुआयामी विचार मंथन के साकार होने की शुभकामनाएं प्रकट की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *