उज्जैन। हमारी सभ्यता और संस्कृति गौरवशाली और प्राचीन है। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान के केंद्र थे। भारत मे सभी विषयों में ज्ञान के अकूत भंडार रहे हैं। यह बात माधव कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षाविद डॉ हेमंत गेहलोत ने कही। अंग्रेजी विभाग ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर कार्यशाला की। अध्यक्षता डॉ राजश्री सेठ ने की। प्राचार्य डॉ. अल्पना उपाध्याय के मार्गदर्शन में विद्वानों ने भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। दर्शनविद डॉ शोभा मिश्रा, डॉ. एलएस गोरास्या, प्रो. चंद्रकांता तेजवानी, डॉ ज्योति वैद्य मौजूद थे। डॉ संगीता वत्स, डॉ सादिक़ मंसूरी, डॉ भीमसेन अखंड, डॉ ज़फ़र महमूद, डॉ नीरज सारवान, डॉ. अल्पना दुभाशे, डॉ केशवमणि शर्मा उपस्थित थे।

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