उज्जैन। जगत का पिता मां कोशल्या का बेटा बनकर आया। सीता-राम, राम-राम, सीता-राम, राम-राम की धुन के साथ श्रीराम कथा में श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया। पांडाल में भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी, गूंज उठा। कथा दौरान महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमई ने श्रीराम जन्मोत्सव की कथा सुनाई।उन्होने श्रीराम के धरती पर जन्म लेने के 5 प्रमुख कारण बताए। पहला कारण- जय और विजय शाप, दूसरा वृंदा का श्राप, तीसरा विष्णु को नारद का शाप, राजा मनु और शतरुपा को प्राप्त भगवान विष्णु का वरदान और पांचवा कारण राजा प्रतापभनु को ब्राह्मणों द्वारा दिया गया शाप था। बाबा धाम मंदिर सचिव महंत आदित्य पुरी ने बताया कि कथा के मुख्य यजमान स्वयं हनुमान हैं। भक्तों को 7 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक श्रीराम कथा का रसपान होगा।