उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने आवेदनों पर सुनवाई कर उनका निराकरण किया। जनसुनवाई में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना, अपर कलेक्टर महेंद्र कवचे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। जनसुनवाई में ग्राम बोडानी की कमलाबाई ने कलेक्टर को बताया कि उनकी भूमि का सीमांकन और बंटांकन नहीं हो पा रहा है, जिस पर कलेक्टर ने तहसीलदार को तत्काल आवेदक का प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिए। मोहनलाल परमार ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना में उन्हें राशि नहीं मिली। कलेक्टर ने अधीक्षक भू अभिलेख को प्रकरण की जांच कर पात्रतानुसार योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। तहसील नागदा निवासी गीताबाई पति स्व. मनोहरलाल ने कलेक्टर को बताया कि उनका गांव रानी पिपलिया मे मेरे मकान पर मेरे बेटो ने कब्जा करके मुझे घर से निकाल दिया है,अभी तक कोई कार्र्वाई नही हुई है। जिस पर कलेक्टर ने नागदा एसडीएम को भरण पोषण अधिनियम के तहत तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। भीड़ावद तहसील बड़नगर निवासी जीवन सिंह ने आवेदन दिया कि उनके स्वामित्व की कृषि भूमि पर गांव के कुछ लोगों ने अवैध निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया गया है। इस पर तहसीलदार बड़नगर को निर्देश दिए गए। महिदपुर तहसील के ग्राम पिपल्या धूमा निवासी हरिराम ने आवेदन दिया कि गांव में उनके स्वामित्व की कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका गुम हो चुकी है। अत: उनकी नई ऋण पुस्तिका बनवाई जाए। इस पर तहसीलदार झारड़ा को निर्देश दिए गए। ग्राम पाताखेड़ी तहसील झारड़ा निवासी नौजानबाई ने आवेदन दिया किउन्हें शासन द्वारा कृषि कार्य हेतु पट्टे पर जमीन दी गई थी, जिस पर गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया गया है। इस पर तहसीलदार झारड़ा को निर्देश दिए गए।