उज्जैन। कला चौपाल के त्रिवेणी कला संग्रहालय के सहयोग से संस्कृति विभाग की अनुदान योजना में माच समारोह हुआ। लोकनाट्य महोत्सव में माच परंपरा को जीवंत किया गया। समापन पर राजा हरिश्चंद्र की माच प्रस्तुति हुई। 16 मार्च को हिन्दू विश्राम माच मंडली ग्राम मेंढकवास के कलाकारों ने राजा नल एवं बुद्ध की माच प्रस्तुति दी। 17 मार्च को रामलखन देवड़ा एवं साथी ने राजयोगी राजा भरथरी का मंचन किया। राजा हरिश्चंद्र की माच प्रस्तुति में दिखाया गया कि कैसे सत्यनिष्ठ राजा हरिश्चंद्र महर्षि विश्वामित्र को दिए वचन के कारण अपना राज्य, धन और ऐश्वर्य त्याग देते हैं। अंततः उनकी सत्यनिष्ठा से देवता प्रसन्न होते हैं।

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