उज्जैन। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम एक्सीलेरेट एक्शन है, इसका आशय व बदलाव और प्रगति में आमूल चूल परिवर्तन है। महिलाओं को समर्पित दिन सिर्फ 8 मार्च नहीं, 365 दिन महिलाओं के हैं। शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा, जिस पर स्त्री शक्ति की विजय पताका न फहरी हो। वे सिर्फ परिवार की रीढ़ ही नहीं बल्कि वे देश, समाज और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उक्त विचार प्रो. शेखर मेदमवार ने महिलाओं, किशोरियों से स्वास्थ्य, सुरक्षा संवाद विषय पर डॉ. आंबेडकर पीठ, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ ममता के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ग्राम पंचायत घट्टिया में संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किए। प्रो.मेदमवार ने कहा कि अवसरों और संसाधनों को महिलाओं तक पहुँचाना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी अनुपमा मंडावी ने कार्यक्रमों, योजनाओं की जानकारी दी। वन स्टाप सेंटर की मंजू भाटी ने बताया कि सखी वन स्टॉप सेंटर योजना महिलाओं, बालिकाओं, किशोरियों के हिंसा मुक्त जीवन इसके लिए बनाई गई है। यूनिसेफ-ममता के कार्यक्रम समंवयक नीलेश दुबे ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य अधिकारों की रक्षा और कल्याण करना है। उपसरपंच विजयसिंह पंवार, सहायक सचिव मनोज कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। रागिनी सोलंकी, राधिका दायमा, रानी जाधव, फरजाना शाह ने अतिथियों का स्वागत किया।