उज्जैन। बाबा जयगुरुदेव आश्रम पर चल रही तीन दिवसीय आध्यात्मिक होली के दूसरे दिन संत बाबा उमाकांत ने बताया कि कला और विद्या दूसरों को बताना और सिखाना चाहिए। देश के विद्वानों में यह सबसे बड़ी कमी रही है कि वे अपने ज्ञान को लेकर चले गए। वह बता सकते थे, सिखा सकते थे, लेकिन ऐसा किया नहीं। यह विद्या है, जितना बांटोगे उतनी ही यह बढ़ेगी।