वेद और कर्मकांड एक दूसरे के पूरक-डॉ शुक्ल
उज्जैन। संस्कृत महाविद्यालय में कर्मकाંड डिप्लोमा प्रायोगिक परीक्षा की। विद्यार्थियों ने आचार्य आदित्य पंड्या के निर्देशन में ग्रहशांति प्रयोग का अनुष्ठान किया। शास्त्र निर्देशानुसार स्वस्तिवाचन, गणपति पूजन, पुंयाहवाचन, मातृकापूजन, नांदीश्राद्ध, आचार्य-ऋत्विग्वरण, अग्निस्थापन, मुख्य देवता पूजन हवन और पूर्णाहूति हुई।प्राचार्य डॉ सीमा शर्मा ने बताया कि सारस्वत अतिथि एवं बाह्य परीक्षक डॉ. गोपालकृष्ण शुक्ल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वेद और कर्मकांड एक दूसरे के पूरक हैं। इस अवसर महाविद्यालय के समस्त आचार्य, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।