उज्जैन। दिगंबर जैन समाज की धर्मिष्ठ बाल ब्रह्मचारी ज्ञान धारा दीदी का देहावसान हो गया। ब्रह्मचारी ज्ञान धारा दीदी जैन विमल चंद्र झांझरी की बड़ी पुत्री थी। ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि ज्ञानधारा दीदी ने बाल्यकाल से ही सोनगढ़ रह कर धर्म अध्ययन किया। 1990 में जैन धर्म के जैन धर्म के अनुसार 1 घंटे में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। चक्रतीर्थ पर बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे। 1 मार्च को सुबह 9 बजे महावीर मंदिर चिमनगंज मंडी पर वैराग्य सभा एवं वैराग्य प्रार्थना रखी गई है।