उज्जैन। भारत ग़ुलाम था। हमें इतिहास में पढ़ाया जा रहा था कि हम सदियों से ग़ुलाम रहें हैं। पांच सौ साल हम पर मुग़लो ने शासन किया। राजशेखर व्यास के अनुसार यह बात 1940 के आसपास की है। युवा सूर्यनारायण व्यास ने इतिहास से ऐसे पराक्रमी चरित्र विक्रम के नाम पर मासिक पत्रिका विक्रम का प्रकाशन शुरु किया। उन्होंने विक्रम संवत् के दो हज़ार वर्ष पूर्ण होने पर विक्रम द्वि सहस्त्राब्दी महोत्सव की योजना बनाई। प्रथ्वीराज कपूर को ले कर विक्रमादित्य फ़िल्म का निर्माण शुरू कर दिया। उन्हें सबसे पहले कंहैया माणिकलाल मुंशी से सहयोग मिला। वीर सावरकर ने भी अपने पत्र में इस योजना की प्रशंसा की। सूर्यनारायण व्यास आज़ादी के पहले 114 स्टेट के राज ज्योतिषी भी थे, उनकी इस योजना का सारे देश में स्वागत हुआ।उन्हें ग्वालियर बुलाया। उज्जैन से ले कर मुंबई तक विक्रम महोत्सव मनाना स्वीकार हुआ।