उज्जैन। बहुप्रचारित और तुच्छ राजनीति से ग्रस्त कथित महाकुंभ विफल हो गया। भगवती गंगा, यमुना और सरस्वती के आंर्तनाद से, गाय और गोरियों की चित्कारों से राष्ट्र और सनातन संकटग्रस्त है। भारतीय गणराज्य पर साम्राज्यवाद के आक्रमण हो रहे हैं। हमारे कथित हिंदू शासकों ने राष्ट्रीय अस्मिता और सम्मान को पूरे विश्व में कलंकित कर दिया है। उपरोक्त आशय का वक्तव्य यहां मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम् ने जारी किया। उन्होने बताया कि अपने जीवन के 75वें वर्ष में 50 वर्षों से अधिक समय से निरंतर न्यायार्थ संघर्ष के बावजूद हम शर्मसार हैं। अटलजी ने कहा था-हम दुनिया में मुँह दिखाने लायक नहीं रहे, उनका कथन सत्य हो रहा है। स्वयंसेवक ने राष्ट्र की अस्मिता को तार-तार और देवभूमि को बेजार कर दिया है।

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