उज्जैन। समर्पण और मेहनत से पूर्ण सफलता को प्राप्त किया जा सकता है। हमारी लोक कलाओं को जीवित रखकर हम अपने जीवित रहने का उपक्रम कर सकते हैं। हमें लोक कलाओं के कारण ही पद्मश्री सम्मान दिया गया है। हम विद्यार्थियों को गुड़िया बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। ऐसी कई शिल्प कलाएं हैं, जिनका निःशुल्क प्रशिक्षण सरकार द्वाराआत्म निर्भर भारत योजना में दिया जा रहा है। यह उद्गार माधव कॉलेज में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव का उद्घाटन करने के बाद पद्मश्री रमेश परमार ने व्यक्त किए । पद्मश्री शांति परमार ने भी शुभ कामनाएं दी। मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज एवं सारस्वत अतिथि बुद्ध सिंह सेंगर थे। जनजातीय नायकों की गौरव गाथाएं विषय पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। प्राचार्य डॉ कल्पना सिंह ने अध्यक्षता की। संचालन डॉ जफर महमूद ने किया। डॉ शोभा मिश्र ने आभार माना।

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