उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने व प्रो. अर्पण भारद्वाज ने यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व रेडियो दिवस पर परिसंवाद किया। प्रो. अर्पण भारद्वाज ने भारत के विकास अभियान में रेडियो जैसे लोकप्रिय माध्यम की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रो डॉ. दीपक गुप्ता ने कहा कि रेडियो एक श्रवण माध्यम होने के नाते संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है। प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने कार्यक्रम की संकल्पना प्रस्तुत की। प्रो. मेहता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्य क्रमांक 3, 9 और 17 में रेडियो की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए इसकी सार्वभौमिक उपलब्धता और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को उजागर किया। विद्यार्थी रवींद्र राठौर ने शिक्षकों का अभिनंदन किया। राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्व. सरोजिनी नायडू के योगदान का भी स्मरण किया। प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान ने रेडियो के इतिहास और उसके विकास पर महत्वपूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत किया। प्रो डीडी बेदिया, डॉ. सचिन राय, राकेश खोती, गोविंद तोमर, अजय जायसवाल आदि ने भी परिसंवाद पर हर्ष व्यक्त किया। सूत्रधार प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता थे।