उज्जैन। कालिदास संस्कृत अकादमी में असम की पारंपरिक शैली में मुखौटा एवं मुकुट बनाने की कार्यशाला हो रही है। असम के वरिष्ठ कलाकार मुखौटा एवं मुकुट बनाने की विशिष्ट शैली में सिद्ध हस्त हेमेंद्र गोस्वामी ने कई कलाकारों को प्रशिक्षण दिया। जब हेमेंद्र गोस्वामी को स्वामी मुस्कुराके, शैलेंद्र व्यास के बारे में जानकारी हुई तब उन्होंने श्री महाकालेश्वर की सवारी के लिए असम शैली का मुकुट बनाया। सभापति कलावती यादव, गोविंद गंधे, खगेन गोस्वामी, डॉ. संदीप नागर ने स्वामी मुस्कुराके को मुकुट के माध्यम से सम्मानित किया।