उज्जैन। रमज़ान में एक नेकी के बदले सत्तर नेकियों का सवाब हासिल होता है। यही वह माह है जिसमें क़ुरआन नाज़िल हुआ। और रब ने पूरी कायनात के लिए हिदायत और मग़फ़िरत, रहमतों और बरकतों को हासिल करने के लिए बहतरीन ज़रिया बनाया। तोपख़ाना हॉल में नातिया महफ़िल हुई। शायर नवाज़ असीमी की निज़ामत में हुई इस महफ़िल में नौजवान और बुज़ुर्ग शायरों ने शिरकत की। हुसैन शान, ख़ुर्शीद अनवर, नवाज़ असीमी, डॉ. रफ़ीक़ नागौरी, मुनव्वर अली ताज, सुरख़ाब बशर, मिर्ज़ा जावेद बेग ने समां बांधा। मिर्ज़ा जावेद बेग ने शुक्रिया अदा किया। जानकारी इरफ़ानुल्लाह ख़ान ने दी।

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