उज्जैन। बाबा जयगुरुदेव आश्रम पर चल रही तीन दिवसीय होली के तीसरे दिन संत बाबा उमाकांत ने कहा कि भारत देश धर्म पारायण कहा जाता है। पहले केवल वेद था। पुराण बने, शास्त्र बने और मंदिर तरह-तरह के अब बन गए। फिर भी भगवान नहीं मिलने का कारण क्या है? कारण यह है कि वह आदमी का बनाया हुआ मंदिर है। आदमी ने ही उसमें रखी मूर्तियों को बनाया और आदमी ने ही मान्यता भी दी। तो भगवान उसमें कैसे देखेंगे? यह जो मनुष्य शरीर है, यह भगवान का बनाया हुआ मंदिर है। इसको आदमी कभी भी नहीं बना सकता है। इसी मनुष्य शरीर में भगवान मिलता है। इसी में भगवान निवास करता है। आप इसमें भगवान का दर्शन कर सकते हो। इसी में आपको देवी-देवता दिखाई पड़ सकते हैं। आप उनको इन बाहरी आंखों से देख नहीं पाते हो। अगर कोई भेदी गुरु मिल जाए जो उस भेद को बता दे। कोई जानकार गुरु मिल जाए, तब यह संभव होगा। गुरु जब करते हो तो गुरु को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए।