उज्जैन। नारी रिश्तों में संभावना नहीं, भावना खोजती है। नारी को स्वयं अपने आप को महत्व देना सीखना होगा। उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सरल काव्यांजलि की महिला संगोष्ठी में डॉ. वंदना गुप्ता ने व्यक्त किए। डॉ. नेत्रा रावणकर ने बताया कि विशिष्ट अतिथि डॉ.अरुणा दुबे थी। विशेष अतिथि नारायणी माया बधेका थी। डॉ. पुष्पा चौरसिया, कोमल वाधवानी प्रेरणा और गिरिजा देवी ठाकुर का सम्मान किया गया। सुमन नागर ने होली पर सुंदर गीत प्रस्तुत किया। डॉ. रूपा भावसार, कृतिका सुपेकर, सीमा मोरे देवधरे ने संस्मरण सुनाए।

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