उज्जैन। हरिद्वार की तर्ज पर स्थाई निर्माण, चौड़ी सड़के एवं सौंदर्यीकरण होने से सिंहस्थ महापर्व ऐतिहासिक होगा। साधु संतों की मांग पर ही मप्र शासन व विकास प्राधिकरण ने समुचे मेला क्षेत्र के लिए आध्यात्मिक नगरी बसाने की कार्य योजना बनाई है। 13 अखाड़ों के साधु संतों ने सिंहस्थ मेला कार्यालय में प्रजेंटेशन के माध्यम से कार्य योजना का अवलोकन किया। योजना का प्रारूप समझने के बाद स्थानीय अखाडा परिषद अध्यक्ष डॉ रामेश्वर दास, महामंत्री रामेश्वर गिरी एवं अन्य संतों ने यही पाया कि निर्माण हो जाने से मेला क्षेत्र में आवागमन की सुगमता, यातायात एवं भीड़ प्रबंधन, स्थाई मल जल निकासी, सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार होगा। स्थानीय रहवासियों को भी कई तरह के लाभ होंगें। नासिक मेले के बाद सभी अखाड़े देवताओं के साथ उज्जैन की ओर कुच कर जाएंगे। 

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