उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में ठोस प्रबंधन पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में पराग अग्रवाल ने विभिन्न जैविक तत्वों का उपयोग कर उनसे अलग-अलग उत्पाद बनाने की विधि बताई। इस अवसर पर पराग अग्रवाल ने महाकाल के फूलों से निर्मित पाउडर का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के उत्पादों का निर्माण किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.अर्पण भारद्वाज ने बताया कि विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति सहज और सतर्क होना चाहिए। विद्यार्थियों को स्वावलंबी कौशल परिपूर्ण एवं आत्मनिर्भर बनाना ही शैक्षणिक संस्थानों का प्रथम दायित्व होना चाहिए। संचालन समर्थ खरे और इशू परमार ने किया। आभार डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी ने माना।