उज्जैन। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा तथा दर्शन विभाग विक्रम विश्वविद्यालय ने समर्थ भारत पर्व में विवेकानंद जयंती मनाई। मुख्य वक्ता प्रदेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव थे। उन्होंने कहा दरअसल विवेकानंद ने अपने भाषण में कहा था कि हम सब माता सीता के बेटे हैं। एकनाथ रानडे ने कैसे 1-1 रुपया इकठ्ठा कर विवेकानंद शिला स्मारक बनाया। उस शिला पर विवेकानंद को अपने गंतव्य का ज्ञान मिला, इसलिए मुझे वो शिला महत्व पूर्ण लगती है। मनोजजी ने कहा कि एक बार देश सांस्कृतिक कोमा में चला गया था तब विवेकानंद ने देश को राह और ताल दिखाई। उन्होंने कहा कि यह भी मुझे आश्चर्य होता है कि किस तरह बड़े भारतीय कार्पोरेट्स, टाटा, महिंद्रा, विप्रो, मित्तल, इंफोसिस यह जानते हुए भी यह विश्वविद्यालय हिंदुत्व विरोधी हैं उन विश्व विद्यालयों को डोनेशन्स देते हैं। मुख्य अतिथि वीरेंद्र शर्मा थे। अध्यक्षता डॉ अर्पण भारद्वाज ने की।
प्रारंभ में तीन ओंकार प्रार्थना शिवम प्रजापत, गीत डॉ. नरेंद्र मनदोरिया ने व संचालन सुदर्शन शिशुलकर ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ. श्रेयस कोरान्ने ने करवाया। राम भवालकर, धर्मेंद्र विपट, केएन शर्मा, अनिल देवलासे, रूपेश परमार आदि उपस्थित थे। आभार मिलिंद्र त्रिपाठी ने माना।