उज्जैन। भगवान सबके प्रति क्षमता और ममता का व्यवहार रखते हैं। भगवान की बाल लीला में भी तत्व एवं दर्शन है। जब भगवान ने वृंदावन की लीला शुरू की तो दोष रूपी असुरों का संहार करके निर्दोष निर्मल बना दिया। हमें भी हमारे हृदय में बैठे असुरों को मारना है।यह बात श्रीमद् भागवत कथा रसपान महोत्सव व भागवत पारायण में डॉ. गोस्वामी बृजोत्सव ने कहीं। मीडिया प्रभारी दीपक राजवानी के अनुसार कथा में तुलसी विवाह के साथ छप्पन भोग लगा। विट्ठल नागर, रमेश चतुर्वेदी, प्रेम परिहार, गोवर्धन मंदिर के मुखिया, श्रीनाथ मंदिर से दीपक, वैष्णव मंडल अध्यक्ष राजेंद्र शाह सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे।

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