उज्जैन। भगवान कृपा करने के लिए मनुष्य की योग्यता नहीं देखते हैं, उसके भाव व भक्ति का दर्शन करते हैं। भगवान पतीत को भी पावन बनाते हैं। भगवान ने परिक्षित को भगवत रूपी अमृत पिलाया। यह बात भागवत कथा रसपान महोत्सव व 108 भागवत पारायण में डॉ. गोस्वामी बृजोत्सवजी ने कहीं। मीडिया प्रभारी दीपक राजवानी के अनुसार कथा में वामन अवतार हुआ। उन्होने कथा का वाचन करते हुए समझाया कि भगवान प्रेम के भूख है। माता देवयुती और कपिल देवजी के संवाद के साथ भक्ति का सार समझाया। कथा में संस्थापक संयोजक विट्ठल नागर, राजेंद्र शाह, जयेश श्रॉफ, आनंद पुरोहित आदि मौजूद थे।