उज्जैन। ज्योतिष और वास्तु सनातन संस्कृति में हजारों वर्ष से हमारे मार्गदर्शन सहायक रहे है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु आयुर्वेद महासम्मेलन के शुभारंभ पर अतिथियों ने व्यक्त किए। पं. दिनेश गुरुजी एवं अध्यक्षता कर रहे पं. योगेंद्र महंत ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों, प्रमुख शहरों से 325 से ज्यादा ज्योतिष एवं वास्तु के जानकार विशेषज्ञ यहां आए हैं। मुख्य अतिथि विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज ने इसे बहुत ही लोक उपयोगी बताते हुए प्रशंसा की। पं. योगेंद्र महंत ने कहा कि एक तिथि को 2 दिन दर्शाया जाता है। इस पर आमजन में भ्रम की स्थिति रहती है। सभी पंचांगों और इन संस्थाओं को एक जुट होकर इस पर विचार करना चाहिए। एक दिन में एक तिथि-एक त्योहार होना चाहिए। स्वागत भाषण पं. दिनेश गुरुजी ने दिया। संयोजक संगीता शर्मा, सावित्री अग्रावत, अर्पणा जोशी, गौरव तिवारी, आनंद शर्मा, डिंपल दीपक शर्मा आदि ने भी विचार साझा किए। पं. योगेंद्र महंत ने बताया कि कुमार गणेश, महंत अमर भारतीय, डॉ जेसी सोनी, डॉ लक्ष्मी चंलानी, मोहनलाल द्विवेदी, पं. धीरेंद्र शुक्ला, अर्चना भारद्वाज, डॉ. प्रियंकाचौबे, डॉ कविता मेहता, डॉ भारती वर्मा, डॉ.अर्चना सरमंडल आदि भाग ले रहे हैं।

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