उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर पूरे भारत में अपनी आध्यात्मिक महत्ता और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है। स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मंदिर में दर्शन के लिए वीआईपी व्यवस्था का बड़ा हिस्सा प्रोटोकॉल के तहत आरक्षित रहता है। प्रभावशाली लोग सीटों को अपने मेहमानों और शिष्यों के नाम पर बुक करवा लेते हैं। स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि वीआईपी कोटे की वजह से आम श्रद्धालुओं के लिए सीटें बेहद सीमित हो जाती हैं। मंदिर प्रशासक रहे गणेश धाकड़ सहित कई लोगों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर पदों से हटा दिया गया। नए प्रशासक एडीएम अनुकूल जैन ने पदभार ग्रहण किया है। श्रद्धालुओं को उम्मीद है कि वे इस व्यवस्था में सुधार लाएंगे। स्वर्णिम भारत मंच ने भस्मारती में वीआईपी कोटे के दुरुपयोग और श्रद्धालुओं के कष्टों के खिलाफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।