उज्जैन। सेवाधाम गीता कर्मयोग का उदाहरण है। अंकित ग्राम में सर्वांगीण सुसंस्कार सेवा शिविर के ग्यारवें दिन गीता जयंती पर मुख्य अतिथि प्रेम प्रकाश सोती, विशेष अतिथि सोनू गेहलोत, प्रो. डाॅ. शंकरलाल गोयल, डाॅ. अजित कुमार श्रीवास्तव, आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने विशेष बच्चों द्वारा गीता पाठ एवं शिविर में प्रशिक्षण को देख सहराहना की। इस अवसर पर सोती ने कहा कि श्रीकृष्णजी ने अर्जुन को युद्ध में गीता का उपदेश दिया। सुधीर भाई ने आश्रम के विशेष बच्चों को लाठी व काठी सीखकर आत्मरक्षा एवं दूसरो की रक्षा करने को कहा। सोनू गेहलोत ने कहा कि गीता जयंती पर आश्रम के विशेष बच्चों द्वारा गीता पाठ एवं अन्य कलाओं में महारात हासिल देख में अंचभित हूं। गीता का सार तत्व कर्म योग है और कर्म को सही तरीके से सेवाधाम में अमल किया जा रहा है। मुख्य वक्ता प्रो. डाॅ. शंकरलाल गोयल ने गीता के मर्म एवं महात्म को सुनाया। कांता भाभी, मोनिका दीदी एवं गोरी दीदी ने अतिथियों का सम्मान मालवी पगड़ी एवं दुपट्टे से किया। शिविर में कविता येनुरकर, मनोज महाराज चैबे, किशोर रायबोले, गणेश दरवरे, आकाश हांडे, संदीप जाधव, रूपेश मोरे, पूजा बोदड़े, गोरी देशमुख, योगेश मेंढे एवं आनंद जंवजाल आदि का विशेष योगदान रहा है।